Monday, 19 May 2014

Veeral Bhagwan Ji Aarti in Devnagiri Script


विस्पति देवता जी आरती 
ॐ जय वीरल देवा
स्वामी जय वीरल देवा
श्रद्धा भक्ति दे तूं
संतन जी सेवा
ॐ जय वीरल देवा

प्रेमा सा जेको तोके अर्ज करे आजी
ताहिन जे भव भक्ति सान हिक बांध थियेन रज़ी
ॐ जय वीरल देवा

विस्पत जे दीन वेरल तोखे जो ध्‍येय
धन दौलत ऐन लक्ष्मी सहजे सो पाए
ॐ जय वीरल देवा

सचो सिद्दीक ऐन निश्चय तोमे जो धरे
तहंजी शो सदा थे हरगिस ना हरे
ॐ जय वीरल देवा

दियां जे पूरन दुखा खा उहो आजो
रोग माइट रोगिया जो तन मन थिया ताजो
ॐ जय वीरल देवा

तुहिंजे डर ते जेके साजन अचन स्वालि
दान वतन सब दिल सान कोन वनन खली
ॐ जय वीरल देवा

जहरी जहांजे मन जी तहरी आस पुजारी
विस्पत भीली कर, बिग्रियाल काज बनायी
ॐ जय वीरल देवा

तुहिंजे चरणन जी राज मस्तक ते लाए
बंदो हमेशा तुहिंजा बंदूक तो प्यो गए
ॐ जय वीरल देवा

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